sidh kunjika No Further a Mystery
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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
No among the list of limbs of the Chaṇḍī Pāṭhaḥ is able to conveying your complete solution of the Glory in the Goddess.
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट website से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।
It retains the power to deliver enlightenment throughout the contrasting energy of Shiva and Shakti and offers plenty of electrical power to working experience equally energies concurrently, which, consequently, allows you realize your own Strength.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥